मुहूर्त एक विशिष्ट समय होता है जिसे किसी महत्वपूर्ण कार्य को शुरू करने के लिए बहुत भाग्यशाली माना जाता है। कहावत है कि अच्छी शुरुआत आधा काम संपन्न कर देती है। इसीलिए मुहुर्त की तलाश की जाती हैं। तिथि, वार और नक्षत्रों के खास संयोगों को मूहुर्त कहते हैं। मुहूर्तों में सर्वार्थसिद्धि मूहुर्त को श्रेष्ठ समझा जाता है। सर्वार्थसिद्धि योग में आकाशीय शक्तियां व्यक्ति के लिए विशेष रूप से अनुकूल पड़ती हैं। शनिवार को चंद्रमा श्रवण, रोहिणी या स्वाति नक्षत्र में स्थित हो या रविवार के दिन चंद्रमा हस्ता, मूल, उत्तराषाढ़ा, अश्विनी ,उत्तराफाल्गुनी, उत्तराभाद्रपद अथवा पुष्य नक्षत्र में हो तो सर्वार्थ सिद्धि योग बनाती है।
आम तौर पर हम इस योग में किसी नए कार्य की शुरुआत, नौकरी के लिए आवेदन–पत्र देना, यात्रा, वस्त्र-आभूषण का क्रय या नया वाहन इत्यादि की खरीदारी करना ज्यादा शुभ समझते हैं। हमें एक दूसरे महत्वपूर्ण पक्ष पर भी ध्यान देना चाहिए।
Muhurat is a specific time which is considered very lucky to start any important work. There is a saying that a good beginning is half the work done. That is why auspicious time is searched for. Special combinations of date, time and constellations are called Muhurta. Among the Muhurtas, Sarvartha Siddhi Muhurta is considered the best. In Sarvarthasiddhi Yoga, celestial powers are especially favorable for the person. If the Moon is situated in Shravan, Rohini or Swati Nakshatra on Saturday or if the Moon is in Hasta, Moola, Uttarashadha, Ashwini, Uttara Phalguni, Uttarabhadrapad or Pushya Nakshatra on Sunday, then Sarvartha Siddhi Yoga is formed.
Generally, we consider it more auspicious to start any new work, apply for a job, travel, purchase of clothes-jewellery or purchase of a new vehicle etc. in this yoga. We should also pay attention to another important aspect.
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शुक्र और चंद्र ग्रह अगर कुंडली में एक साथ बैठे हुए हैं तो प्रेमी के साथ ही आपके विवाह की संभावनाएं प्रबल रहती हैं।
If Venus and Moon are sitting together in the horoscope, then the chances of your marriage with your lover are strong.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में ग्रहों के अनुसार व्यक्ति को अपनी नौकरी एवं व्यापार का चयन करना चाहिए।
According to astrology, a person should choose his job and business according to the planets in the horoscope.
वास्तु शास्त्र उनके बीच किसी भी टकराव को हल करने और आपके रहने की जगह को अधिक सामंजस्यपूर्ण बनाने का प्रयास करता है।
Vastu Shastra attempts to resolve any conflicts between them and make your living space with nature for a balanced life.
पितृ दोष पूर्वजों के नकारात्मक कर्मों को संदर्भित करता है, जो वंशजों के जीवन में बाधाओं और दुर्भाग्य का कारण बनता है।
Pitra Dosha refers to negative karma from ancestors, causing obstacles and misfortunes in descendants' lives. Remedies mitigate the dosha's effects.
आपकी जन्म कुंडली में प्रत्येक घर कुछ अलग प्रतिनिधित्व करता है, और 5 वां घर बच्चे पैदा करने से संबंधित है।
Each house in your birth chart represents something different, and the 5th house is related to having children.